संज्ञा: हिंदी में नाम का महत्व

Spread the knowledge

संज्ञा: हिंदी में नाम का महत्व

sangya ki paribhasha || sangya kise kehte hain || sangya ke bhed || संज्ञा किसे कहते हैं || संज्ञा की परिभाषा

संज्ञा हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शब्दों को व्यक्त करने का एक तरीका है, जो हमें वस्तुओं, व्यक्तियों, स्थानों और विचारों को पहचानने और संवादित करने में मदद करता है। इस लेख में हम संज्ञा के महत्व, प्रकार, और उनके उदाहरणों के साथ समझेंगे।

संज्ञा का अर्थ

संज्ञा एक शब्द है जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भाव, गुण, क्रिया या अवस्था को नाम देता है। इसे हमें किसी भी चीज को पहचानने और समझने के लिए प्रयोग किया जाता है।

संज्ञा की परिभाषा

किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, अवस्था आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

Teacher teaching Hindi in the class

दिए गए चित्र में देखने से पता लगता हैं कि :

  1. बच्चे कक्षा में बैठे हैं।
  2. अध्यापिका जी बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
  3. कक्षा में पढ़ाई चल रही है।
  4. दीवार में एक खिड़की भी है।
  5. खिड़की के बाहर हरे पौधे नज़र आ रहे हैं।
  6. कक्षा में बहुत सारे मेज़- कुर्सियाँ हैं।

यहाँ रेखा खींचे सभी शब्द नाम हैं।  ऐसे शब्द संज्ञा कहलाते हैं।

श्रुति और उसका मित्र राहुल कल घर के पास पार्क में खेलने गए थे।  वहाँ पर उन्होंने तितलियाँ, पक्षी, फूल, तरह-तरह के पेड़पौधे आदि देखे।  वहाँ जाकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई। मैदान में चिड़ियाँ निर्भयता से दाना चुग रही थीं। आसमान में बादल दिखाई दे रहे थे। सूरज चमक रहा था।

उपर्युक्त अनुच्छेद में कुछ नाम शब्द आए हैं :

व्यक्तियों/प्राणियों के नाम – श्रुति, राहुल, तितलियाँ, पक्षी, फूल, पेड़-पौधे, चिड़ियाँ।

वस्तुओं के नाम – दाना, आसमान, बादल, सूरज।

स्थानों के नाम – घर, पार्क, मैदान

भावों के नाम – प्रसन्नता, निर्भयता।

A boy and Girl catching butterflies in a park

विभिन्न प्रकार की संज्ञा के उदाहरण (Examples of Nouns) नीचे इस तालिका में दिए गए हैं। आइए, इन्हें पढ़ते और समझते हैं।

व्यक्ति

वस्तु

स्थान

प्राणी

भाव

अवस्था/क्रिया का व्यापार

तुलसीदास

पुस्तक

दिल्ली

चिड़िया

प्रेम

चाल

कबीर

मेज़

कश्मीर

कबूतर

श्रद्धा

उड़ान

गुरु नानक

बस्ता

जम्मू

तोता

क्रोध

थकान

ईसा मसीह

रंग

लखनऊ

बुलबुल

ईर्ष्या

सजावट

महात्मा बुद्ध

पेंसिल

अमरीका

शेर

स्वार्थ

लेख

महावीर

कलम

विद्यालय

चीता

मित्रता

भूल

मदर टेरेसा

पेन

उद्यान

बाघ

शत्रुता

मेल

जय प्रकाश

कुर्सी

अस्पताल

हिरन

ममता

यौवन

नारायण

खिड़की

सराय

हाथी

अहंकार

बुढ़ापा

राम

पुस्तक

देवालय

घोड़ा

प्रभुता

ऊँचाई

संज्ञा के प्रकार (Types of Nouns)

१. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)

२. जातिवाचक संज्ञा (Common noun)

३. भाववाचक संज्ञा (Abstract noun)

जातिवाचक संज्ञा को अधिक स्पष्ट करने के लिए (अंग्रेज़ी व्याकरण [ENGLISH GRAMMAR] के अनुसार) इसके दो भेद और भी किए जाते हैं:

() समुदायवाचक संज्ञा (Collective Noun)

() द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)

१. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)

मोदी जी ने लालकिले पर तिरंगा फहराया और भाषण दिया। देशभर से लोग उनका भाषण सुनने दिल्ली आए ।

यहाँ मोदी जी व्यक्ति विशेष का नाम है।  लालकिला इमारत का नाम है। दिल्ली स्थान का नाम है।  ये सब व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द हैं। 

जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान विशेष का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे – अर्जुन, मोहन, डेविड, रहीम, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, गीता, कुरान, बाइबिल आदि।

red fort, Delhi

२. जातिवाचक संज्ञा (Common noun)

1. बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।

2. घोड़े घास चर रहे हैं।

यहाँ ‘बच्चे’, ‘मैदान, तथा ‘घोड़े‘, शब्द अपनी-अपनी जाति का बोध करा रहे हैं।  ये शब्द किसी एक व्यक्ति या स्थान के लिए नहीं कहे गए।

जिस शब्द से किसी संपूर्ण जाति का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। 

जैसे – शेर, गाय, घोड़ा, पुस्तक, मेज़, छात्र, नदी, मनुष्य, पशु, लड़की आदि।

जातिवाचक संज्ञा (Common noun) || Horse eating grass || Boy playing with football

अंग्रेज़ी व्याकरण [ENGLISH GRAMMAR] के अनुसार जातिवाचक संज्ञा के निम्न दो भेद किये गए हैं

(१) समुदायवाचक संज्ञा ( Collective Noun )

  1. कल शाम मैदान में सभा थी।
  2. वहाँ जमा भीड़ देखने लायक थी।
  3. असंख्य लोगों ने किसानों की एकता के किस्से सुने।

यहाँ ‘सभा’, ‘भीड़’ तथा ‘किसानों’, शब्द का प्रयोग किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं अपितु उस विशेष समूह या झुण्ड के लिए प्रयोग किया गया है।  ये समुदायवाचक संज्ञा हैं।

जिस संज्ञा शब्द से किसी झुण्ड, समूह या समुदाय का बोध हो, उसे समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे – भीड़, सभा, सेना, कक्षा, गुलदस्ता आदि।

समुदायवाचक संज्ञा || Crowd

(२) द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun )

दुकान पर मिट्टी, पीतल, ताँबे और चाँदी की मूर्तियाँ हैं।

यहाँ ‘मिट्टी’, ‘पीतल’, ‘ताँबा’ तथा ‘चाँदी’ शब्द द्रव्य या धातु का बोध करा रहे हैं।

इस प्रकार के शब्द द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

जिस संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य, पदार्थ या धातु का बोध हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे- घी, तेल, पानी, चावल, दाल, गेंहू, सोना, चांदी, पीतल, तांबा आदि।

ध्यान देंहिंदी व्याकरण में समुदायवाचक तथा द्रव्यवाचक को जातिवाचक संज्ञा ही माना जाता है।

३. भाववाचक संज्ञा (Abstract noun)

यह विद्यालय पढ़ाई और सफाई के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ बच्चों में राष्ट्रीयता, मनुष्यता, उदारता आदि का भी विकास किया जाता है।

यहाँ ‘पढ़ाई’, ‘सफाई’, ‘राष्ट्रीय’, ‘मनुष्यता’ तथा ‘उदारता’ शब्द गुणों के भाव का बोध करा रहे हैं। ये उन सब गुणों या अवस्थाओं के नाम हैं जो हमें अनुभव होती हैं।

जिस संज्ञा शब्द से किसी गुण, भाव या दशा का बोध हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे – मित्रता, बचपन, अच्छाई, सरदी, हँसी, खेल आदि। 

Two boys are going to school

Sangya Worksheet

Are you looking for engaging resources to bolster your child’s understanding of Hindi grammar? Look no further! Our collection of Hindi Grammar Worksheets, including Sangya Worksheets, is here to make learning enjoyable and effective. Designed specifically for Class 1 to Class 5 students, these free Hindi worksheets cater to beginners, ensuring a strong foundation in language skills. With colorful illustrations and interactive exercises, our Hindi worksheet for Class 1 covers essential topics like Sangya (Noun), helping children grasp the fundamentals with ease. Whether your child is learning Hindi as a second language or needs extra practice, our user-friendly worksheets provide the perfect support. Start exploring our Free Hindi Worksheets today and watch your child’s language skills flourish!

संज्ञा की कुछ विशेष बातें :

1. कभी-कभी व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ भी जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग होती है। कुछ व्यक्ति अपने गुणों या विशेषताओं के कारण अत्यंत प्रसिद्ध हो जाते हैं तथा वे उस गन या विशेषता के पर्याय बन जाते हैं, ऐसी स्थिति में इनका जातिवाचक संज्ञा के समान प्रयोग होता है।

जैसे –  राजा हरिशचंद्र सत्य के लिए जाने जाते हैं।

कर्ण दान के लिए प्रसिद्ध हैं।

भीष्म कठोर प्रतिज्ञा के लिए जाने जाते हैं।

श्रवण पितृभक्ति के लिए जाने जाते हैं।

जयचंद विश्वासघात के लिए प्रसिद्ध है।

इन्हीं वाक्यों का कभी-कभी जातिवाचक संज्ञा के रूप में भी प्रयोग होता है।

जैसे –  तुम नहीं जानते वह तो पूरी नगरी ही कारणों की हैं।

कलियुग में भी श्रवणकुमारों की कमी नहीं।

2. कभी-कभी जातिवाचक संज्ञा शब्द भी व्यक्ति विशेष के लिए प्रसिद्ध हो जाते हैं तथा वे जातिवाचक हो कर भी व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

जैसे –  ‘मदर’ शब्द मदर टेरेसा के लिए

‘पंडित’ शब्द पंडित जवाहर लाल नेहरू के लिए तथा

‘महात्मा’ शब्द महात्मा गाँधी के लिए रूढ़ हो गया है।

उदाहरण –

पंडित जी ने लालकिले पर झंडा फहराया।

मदर जीवन भर गरीबों की सेवा करती रहीं।

3. भाववाचक संज्ञा शब्द चार प्रकार के शब्दों जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम से, क्रिया से तथा विशेषण से बनते हैं –

उदाहरण –

क) जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना

ख) सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना

ग) क्रिया शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना 

घ) विशेषण शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना

व्यावसायिक संज्ञा

व्यावसायिक का अर्थ है किसी व्यक्ति की नौकरी या पेशे से संबंधित किए गए कार्य ।

जैसे – नौकरी से संबंधित कार्य, जीविका कमाने के लिए किए गए कार्य, पेशेवर कार्य, व्यावसाय आदि ।

व्यावसायिक संज्ञा – किसी व्यक्ति का नियमित कार्य या पेशा, या उससे सम्बंधित कोई  प्रमुख गतिविधि को व्यावसायिक संज्ञा कहते हैं।   कोई भी गतिविधि जिस पर किसी व्यक्ति द्वारा समय व्यतीत किया जाता है वह भी व्यावसायिक संज्ञा होती है।

व्यावसायिक संज्ञा के उदाहरण – सुनार, सपेरा, डॉक्टर, वकील, पुलिस, अध्यापक आदि।

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. संज्ञा किसे कहते हैं?

संज्ञा एक शब्द है जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भाव, गुण, क्रिया या अवस्था को नाम देता है। इसे हमें किसी भी चीज को पहचानने और समझने के लिए प्रयोग किया जाता है।

2. संज्ञा की परिभाषा

किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, अवस्था आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।


Spread the knowledge